तुम्हारे जाने के बाद वहीं ठहर गया मैं उस एक पल को अलविदा ना कह पाया मैं बहुत मेहनत करनी पड़ी इस दिल को अपने आप को यह यक़ीन दिलाने में के तुम तो जा चुकी हो, उस एक पल में मीलों दूर मगर दिल का क्या है, दिल तो ठहरा दिल आख़िर यह उस एक पल की ख़ातिर, कई कल क़ुर्बान कर दे और अगर ज़िद पर आ जाये, तो हर मुश्किल आसान कर दे जाते वक़्त तुम्हारी खुशबू ने बहुत बेचैन किया मुझे तुम तो चली गयी, मगर यह वहीँ पर ठहर गयी मैंने तुम्हारी खुशबू का एक हिस्सा, यादों में सहेजकर रख लिया डर था मुझको बस यही, तुम्हारी तरह यह भी ना खो जाये कहीं तुम्हारे साये का पीछा करते हुए, राह में कई साये मिले कुछ ऐसे साये, रास्तों से ज्यादा जिन्हें मंज़िल प्यारी थी तुम्हारे जाने के बाद वहीँ थम गया मैं ना लबों से ना दिल से अलविदा कह पाया मैं।
Nice
shukriya aditya
shukriya
hii.. this is Rishabh From GIT College.. I read ur post regularly Sir .. Very truely Sir it’s so amazing i really love it…
shukriya rishabh….bas koshish karta hoon bhitar ki aawaz ko alfaz ki shkal de sakoon…thanks for reading my thoughts….