हमें फ़क़ीरी पसंद है तुम्हें तुम्हारी मीरज़ाई मुबारक
ये भीड़ तुम रख लो हमें हमारी तन्हाई मुबारक
भले ही टूट गया है, तू खुद से रूठ गया है
ऐ दिल तुझे दर्द की हौसला अफ़्ज़ाई मुबारक
हमें फ़क़ीरी पसंद है तुम्हें तुम्हारी मीरज़ाई मुबारक
ये भीड़ तुम रख लो हमें हमारी तन्हाई मुबारक
भले ही टूट गया है, तू खुद से रूठ गया है
ऐ दिल तुझे दर्द की हौसला अफ़्ज़ाई मुबारक
ख़ामोशी का मतलब नहीं समझते
नज़रों की ज़ुबां सब नहीं समझते
बच्चे ले लेते हैं बागडोर अपने हाथ में
घर के बुजुर्ग जब नहीं समझते
थोड़ी काफ़ी हैं ज्यादा खुशियों की मुझे आदत नहीं
उसे हो गई होगी पर मुझे अब उससे मोहब्बत नहीं
जब तक थी, बेशक थी बेहद थी बेनज़ीर थी चाहत
अब आलम ये है के मुझे खुद अपनी ही चाहत नहीं
एक अर्से तक रोया हूँ, एक लम्हा भी ना सोया हूँ
उनींदी इन आँखों में अब नींद जैसी कोई हसरत नहीं
रिश्तों में राजनीति न खेलना, इस बार माफ़ी नहीं मौत मिलेगी
क्योंकि माफ़ करने की अब वो मेरी पहले सी फ़ितरत नहीं
मंज़िल-मंज़िल करने वालों, अब ज़रा ये भी सुनो
मैं वो मुसाफ़िर हूँ मंज़िल की जिसे कोई चाहत नहीं।
दौर-ए-ख़िज़ाँ को ये बंदा बहार कहता है
नाचीज़ को ज़माना ज़िन्दा मज़ार कहता है
शानदार लोगों की जानदार महफ़िल
आ ही जाएगा किसी न किसी पर ये दिल
फ़नकार तो बहुत देखे
मगर आज पहली बार Real फ़नकार्ज़ से मुलाक़ात हुई
क़लमकार तो बहुत सुने
मगर आज पहली बार क़लम से जज़्बात की बरसात हुई
किसी ने किताबों की दुनिया से अपने पहाड़ों का तआरुफ़ कराया
तो किसी ने बर्फ़ीली वादियों में सुलगती हुई ठंड को महसूस कराया
किसी ने अब भी उसके शहर जाने की वज़ह बताकर जज़्बाती किया
तो किसी ने गिटार और ढपली के संग इश्क़ की बदली को तारी किया
किसी ने ख़ुद को ज़िंदा मज़ार बताया
तो किसी ने लफ़्ज़ों का जादू दिखाया
किसी ने बेटियों की आवाज़ बनकर अपनी क़लम को चलाया
तो किसी ने अय्यो वाली कहानी से पहले हँसाया फिर रुलाया
और तो और महफ़िल को सरफ़राज़ करने के लिए
एक नहीं बल्कि दो-दो फ़राज़ मौजूद थे
एक ने बड़े ही बेख़ौफ़ होकर एक ख़ौफ़नाक सी Story सुनाई
तो दूसरे ने बातों ही बातों में अपने मन के रंगमंच की सैर कराई
किसी ने पलक झपकते ही बल्ले-बल्ले वाला माहौल बना दिया
तो किसी ने उम्दा ग़ज़ल सुनाकर अपना किरदार उज्जवल किया
और भी कई सितारे चमके सुहानी इस शाम में
और भी कई नज़ारे दिखे दिलों के रोशन क़लाम में
ऐसे में गर Hosting का ज़िक्र न हो तो ये बहुत ही बड़ी नाइंसाफी होगी
आवाज़ और अंदाज़ दोनों ही बाकमाल बाज़माल उनकी ये तारीफ़ भी नाकाफ़ी होगी
फ़नकार तो बहुत देखे
मगर आज पहली बार Real फ़नकार्ज़ से मुलाक़ात हुई
अशआर तो बहुत सुने
मगर आज पहली बार लबों से एहसास की बरसात हुई
#Fankaarz
मंच संचालन की जिम्मेदारी…..असल में है बहुत ही भारी
दूसरी बार भी भाई Saumitra Narayan Sharma ने
बिना किसी पूर्वसूचना के हमें आखिरी Overs में मैदान में उतार दिया
हमने भी Agaastyaa के 3rd Open Mic में टूटी-फूटी Hosting कर ही ली…
ज्यादा कुछ नहीं बस एक बात कहूंगा
दिल की आवाज़ में चंद अल्फ़ाज़ कहूंगा
इतना तो यक़ीन है अपने अंदाज़ पर
के आज से मैं आप सबके दिल में रहूंगा…
कई दिन हो गए हैं चलो ना थोड़ा जिया जाएं
नहीं किया जो अब तक आज वही किया जाएं
क़िरदार हो तो कुछ ऐसा हो, वरना ना हो
के देखकर जिसे खुद मायूसी भी मुस्कुराएं
बेवफ़ाओं को वफ़ाएं देता हूँ
मैं दुश्मन को भी दुआएं देता हूँ
सुनाई देता है फ़क़त नाम तुम्हारा
ख़ामोशी को जब भी सदाएंं देता हूँ
I Lost my Cellphone
Redmi Note 5 Pro 6GB/64GB
in Ola Cab RJ14TE4128 on 5th April, 2019.
IMEI – 864316041069787
Please inbox your mobile number so i can write them in diary.